Axiom-4 Mission में भारत की एंट्री:
भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी Axiom Space द्वारा संचालित Axiom-4 Mission में भारत भी शामिल हुआ है। इस मिशन का उद्देश्य न केवल स्पेस रिसर्च को आगे बढ़ाना है, बल्कि यह भी जांचना है कि क्या डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति भी स्पेस में भेजे जा सकते हैं।
Axiom-4 Mission (AX-4) क्या है?
Axiom-4 Mission एक प्राइवेट स्पेस मिशन है जिसे अमेरिका की निजी कंपनी Axiom Space संचालित कर रही है। यह मिशन NASA और SpaceX के सहयोग से चलाया जा रहा है। इस मिशन के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रियों को International Space Station (ISS) पर भेजा जाएगा, जहां वे science, education और technology demonstration से जुड़े कई प्रयोग करेंगे।
भारत की भूमिका और निवेश
भारत ने इस मिशन में हिस्सा लेने के लिए ₹550 करोड़ का निवेश किया है। भारत की ओर से Shubhamshu Shukla, जो Gaganyaan Mission के लिए चयनित अंतरिक्ष यात्री हैं, इस मिशन का हिस्सा होंगे। उनके लिए यह मिशन एक तरह का रियल टाइम training experience होगा, जिससे उन्हें भविष्य के गगनयान मिशन के लिए तैयार किया जाएगा।
क्या डायबिटीज से ग्रसित लोग भी स्पेस में जा सकेंगे?
अब तक यह माना जाता था कि डायबिटीज से पीड़ित, विशेषकर insulin-dependent diabetic patients को स्पेस में भेजना सुरक्षित नहीं है, क्योंकि micro gravity में blood sugar level को नियंत्रित करना कठिन होता है।
लेकिन Ax-4 mission के अंतर्गत यह परीक्षण किया जा रहा है कि क्या डायबिटिक पेशेंट्स को सुरक्षित रूप से स्पेस में भेजा जा सकता है। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो भविष्य में डायबिटीज से पीड़ित लोग भी astronaut बनने के योग्य हो सकते हैं। साथ ही मौजूदा astronauts जिन्हें भविष्य में डायबिटीज हो जाए, उन्हें भी मिशन से बाहर नहीं करना पड़ेगा।
वैज्ञानिक प्रयोग: सूक्ष्म जीव और Cyanobacteria पर अध्ययन
इस मिशन के दौरान कुछ microorganisms को भी स्पेस में ले जाया जाएगा, विशेषकर Cyanobacteria को। Cyanobacteria ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो पौधों की तरह photosynthesis करते हैं। इन पर रिसर्च का उद्देश्य यह देखना है कि माइक्रोग्रेविटी में इनका growth, cellular response और biochemical activity किस प्रकार होता है।
ये अध्ययन भविष्य में self-sustaining space colonies के विकास में सहायक साबित हो सकते हैं।
स्पेस में दीर्घकालिक मानव उपस्थिति क्यों आवश्यक है?
1. भविष्य में यदि पृथ्वी रहने योग्य न रहे तो जीवन के लिए वैकल्पिक ग्रह की आवश्यकता होगी।
2. स्पेस में मौजूद valuable minerals को खोजने और इस्तेमाल करने की संभावनाएँ हैं।
3. Space warfare और satellite security के लिहाज़ से भी यह रणनीतिक रूप से ज़रूरी है।
SpaceX और Dragon Spacecraft की भूमिका
Ax-4 के अंतरिक्ष यात्री SpaceX द्वारा बनाए गए Dragon Spacecraft के माध्यम से अंतरिक्ष में जाएंगे। यह वही स्पेसक्राफ्ट है जिसका उपयोग पहले भी कई सफल मिशनों में किया जा चुका है।
मिशन की अवधि और प्रमुख गतिविधियाँ
कुल अवधि: 14 दिन
स्थान: International Space Station (ISS)
प्रमुख गतिविधियाँ:
डायबिटिक एस्ट्रोनॉट्स पर research, Cyanobacteria और अन्य सूक्ष्म जीवों पर अध्ययन, Technology demonstration, Science experiments और educational outreach
क्या यह सिर्फ स्पेस टूरिज्म है?
नहीं। अक्सर यह भ्रम होता है कि प्राइवेट स्पेस मिशन केवल space tourism के लिए होते हैं। लेकिन Ax-4 Mission पूरी तरह से एक वैज्ञानिक और रणनीतिक महत्व का मिशन है। इसके ज़रिए ऐसे कई प्रयोग किए जा रहे हैं जो भविष्य के deep space missions के लिए ज़रूरी होंगे।
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